मुंबई में एक बार फिर मराठी बनाम हिंदी भाषा को लेकर बहस तेज हो गई है... इस बार इस मुद्दे पर चर्चा तब शुरू हुई, जब एयरटेल द्वारा कुछ विज्ञापनों और प्रचार सामग्री में मराठी भाषा का पर्याप्त इस्तेमाल न करने को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ... महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता और शरद पवार के पोते रोहित पवार ने एयरटेल की आलोचना की और कहा कि कंपनी को मराठी भाषा का सम्मान करना चाहिए था, खासकर जब वह महाराष्ट्र में सेवा प्रदान कर रही है... रोहित पवार ने एयरटेल के खिलाफ यह आरोप लगाया कि कंपनी ने मराठी भाषा को नजरअंदाज कर दिया, जो कि महाराष्ट्र की पहचान और संस्कृति का हिस्सा है... उनका कहना था कि यह बहुत जरूरी है कि कंपनियां और संस्थाएं स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा दें और उनका सम्मान करें, क्योंकि इससे स्थानीय लोगों से जुड़ाव बढ़ता है और वे अपनी भाषा में संवाद करने में सहज महसूस करते हैं... इस आलोचना ने मराठी बनाम हिंदी के मुद्दे को फिर से सामने ला दिया, जिससे राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इस पर गहन चर्चा हो रही है... कई लोग यह मानते हैं कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा को प्राथमिकता मिलनी चाहिए, जबकि कुछ इसे हिंदी के साथ संतुलित तरीके से उपयोग करने का समर्थन करते हैं...